सोमवार, नवंबर 21, 2011

कभी न डरना


सच कहने से प्यारे कभी तुम न डरना आगे बढ़ते रहना,
धर्म के कामोँ मेँ तुम आगे बढ़ते रहना।

देश की खातिर भी तुम आगे बढ़ते चलना,
स्वर्ग मार्ग दिखाता है ऐसा करना।

सोमवार, नवंबर 07, 2011

कर्म


कर्म दैविक सम्पदा का द्वार है;
विश्व के उत्कर्ष का आधार है।

कर्म पूजा, साधना का धाम है;
कर्मयोगी को कहीँ विश्राम है।