tag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post817072588227886297..comments2023-10-28T17:07:13.221+05:30Comments on Sansar: दो दिल टूटे , बिखरे टूकड़े सारेDR.ASHOK KUMARhttp://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-66357440101374170012012-02-13T11:24:14.350+05:302012-02-13T11:24:14.350+05:30बहुत बेहतरीन ...हमारे ब्लोग पर आपका स्वागत हैबहुत बेहतरीन ...हमारे ब्लोग पर आपका स्वागत हैAyodhya Prasadhttps://www.blogger.com/profile/00220293033943017179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-27964369070607826482010-12-09T13:18:40.277+05:302010-12-09T13:18:40.277+05:30दिन में तो देखे हाथ प्यारे प्यारे
रात में भी हाथ ...दिन में तो देखे हाथ प्यारे प्यारे <br />रात में भी हाथ ऊँचा तू मारे<br /><br />ज्योतिषी बन भाग बांचे छोरियों का<br />तीर नैनन के खात है प्यारे प्यारे<br /><br />पेश है एक ग़ज़ल<br /><br />अजीब लोग हैं क्या मुंसिफ़ी की है<br />हमारे क़त्ल को कहते हैं ख़ुदकुशी की है<br /><br />ये बांकपन था हमारा के ज़ुल्म पर हमने<br />बजाए नाला-ओ-फ़रियाद शायरी की है<br /><br />ज़रा से पांव भिगोए थे जाके दरिया में<br />ग़ुरूर ये है कि हमने शनावरी की है<br /><br />इसी लहू में तुम्हारा सफ़ीना डूबेगा<br />ये क़त्ल-ऐ-आम नहीं तुमने ख़ुदकुशी की है<br /><br />हमारी क़द्र करो चौदहवीं के चाँद हैं हम<br />ख़ुद अपने दाग़ दिखाने को रौशनी की है<br /><br />उदासियों को 'हफ़ीज़' आप अपने घर रखें<br />के अंजुमन को ज़रूरत शगुफ़्तगी की हैDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-55117155286252099092010-12-09T13:10:55.880+05:302010-12-09T13:10:55.880+05:30दिन में तो देखे हाथ प्यारे प्यारे
रात में भी हाथ ...दिन में तो देखे हाथ प्यारे प्यारे <br />रात में भी हाथ ऊँचा तू मारे<br /><br />ज्योतिषी बनकर भाग बांचे छोरियों का<br />तीर नैनन के खात है प्यारे प्यारे<br /><br />पेश है एक ग़ज़ल<br /><br />अजीब लोग हैं क्या मुंसिफ़ी की है<br />हमारे क़त्ल को कहते हैं ख़ुदकुशी की है<br /><br />ये बांकपन था हमारा के ज़ुल्म पर हमने<br />बजाए नाला-ओ-फ़रियाद शायरी की है<br /><br />ज़रा से पांव भिगोए थे जाके दरिया में<br />ग़ुरूर ये है कि हमने शनावरी की है<br /><br />इसी लहू में तुम्हारा सफ़ीना डूबेगा<br />ये क़त्ल-ऐ-आम नहीं तुमने ख़ुदकुशी की है<br /><br />हमारी क़द्र करो चौदहवीं के चाँद हैं हम<br />ख़ुद अपने दाग़ दिखाने को रौशनी की है<br /><br />उदासियों को 'हफ़ीज़' आप अपने घर रखें<br />के अंजुमन को ज़रूरत शगुफ़्तगी की हैDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-70923880826678985282010-12-08T22:35:56.741+05:302010-12-08T22:35:56.741+05:30>>>तिलक राज कपूर जी रचना को पढ़कर सराहने क...>>>तिलक राज कपूर जी रचना को पढ़कर सराहने के लिए धन्यवाद।<br /><br />>>>दिगम्बर नासवा जी उत्साह बढ़ाने और आपके स्नैह के लिए शुक्रियाँ।<br /><br />>>> कुवँर कुशमेश जी हौसला अफजाई और रचना को सराहने के लिए आपका दिल से आभार ।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-15340383865902132102010-12-08T21:14:06.509+05:302010-12-08T21:14:06.509+05:30खूबसूरत भावाभिव्यक्ति....खूबसूरत भावाभिव्यक्ति.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-71833757472797687652010-12-08T19:35:13.636+05:302010-12-08T19:35:13.636+05:30बहुत अच्छा प्रयास है ।
मात्राओं का ध्यान रखना ज़रू...बहुत अच्छा प्रयास है ।<br />मात्राओं का ध्यान रखना ज़रूरी है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-8891818480803941512010-12-08T18:19:56.821+05:302010-12-08T18:19:56.821+05:30बीते हैँ पल तन्हा यूँ जिंदगी के हमारे,
गुजरते हैँ ...बीते हैँ पल तन्हा यूँ जिंदगी के हमारे,<br />गुजरते हैँ पतझड़ मेँ जैसे मौसम बेचारे, <br />bबहुत अच्छा प्रयास है। लिखते रहिये। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-84168940085035393972010-12-08T18:06:36.626+05:302010-12-08T18:06:36.626+05:30रह रह के दिल मेँ टीस उठती है,
इस कदर जैसे कोई खंजर...रह रह के दिल मेँ टीस उठती है,<br />इस कदर जैसे कोई खंजर मारे हमारे,<br />अति सुन्दर रचना मन को छू लेने वाले विचारों को इस रचना में पिरोकर आपने बहुत ही सुन्दर बना दिया है। <br />हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।<br /><br /><a href="http://sbhamboo.blogspot.com" rel="nofollow">मालीगांव</a> <br /><a href="http://saayaorg.blogspot.com" rel="nofollow">साया</a><br /><a href="http://laxya.feedcluster.com" rel="nofollow">लक्ष्य</a>Surendra Singh Bhamboohttps://www.blogger.com/profile/11382942026842555156noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-17443576234926347962010-12-08T18:01:06.252+05:302010-12-08T18:01:06.252+05:30premparak kavita bhi achchhi aur side show bhi sun...premparak kavita bhi achchhi aur side show bhi sundarKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-20460265988972126212010-12-05T13:13:17.488+05:302010-12-05T13:13:17.488+05:30रह रह के दिल मेँ टीस उठती है,
इस कदर जैसे कोई खंजर...रह रह के दिल मेँ टीस उठती है,<br />इस कदर जैसे कोई खंजर मारे हमारे,<br /><br />दिल टूटने की सच्चाई को शब्द दे दिया है आपने ... बहुत खूब ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-50537683838954872162010-12-04T12:25:03.555+05:302010-12-04T12:25:03.555+05:30खूब अनुभव हैं आपके साहब।खूब अनुभव हैं आपके साहब।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-26558993671074104422010-12-03T22:30:48.239+05:302010-12-03T22:30:48.239+05:30@नीरज गोस्वामी जी
@शाहनबाज जी
@नरेश सिँह राठोर जी
...@नीरज गोस्वामी जी<br />@शाहनबाज जी<br />@नरेश सिँह राठोर जी<br />@भूषण जी<br />@साधना वैद जी<br />@रविन्द्र रवि जी<br /><br />आप सभी का ब्लोग पर आने तथा हौसला बढ़ाने और स्नैह के लिए दिल से शुक्रिया जी।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-60328413511839836462010-12-03T19:40:55.008+05:302010-12-03T19:40:55.008+05:30क्या बात है!क्या बात है!रविंद्र "रवी"https://www.blogger.com/profile/10164761650423020012noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-44473090654651393382010-12-03T17:08:13.978+05:302010-12-03T17:08:13.978+05:30सुन्दर रचना ! दिल की व्यथा को बखूबी अभिव्यक्ति दी ...सुन्दर रचना ! दिल की व्यथा को बखूबी अभिव्यक्ति दी है ! बधाई एवं शुभकामनाएं !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-15971913252970209902010-12-03T16:46:12.345+05:302010-12-03T16:46:12.345+05:30जज़्बातों की सटीक अभिव्यक्ति. हिंदी कविताई का उदास...जज़्बातों की सटीक अभिव्यक्ति. हिंदी कविताई का उदास चेहरा आपकी रचनाओं में भी दिख रहा है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-14483496195853667682010-12-02T09:53:08.011+05:302010-12-02T09:53:08.011+05:30विरह की वेदना का साकार चित्रण |विरह की वेदना का साकार चित्रण |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-14979304558575417152010-12-01T08:08:25.563+05:302010-12-01T08:08:25.563+05:30बीते हैँ पल तन्हा यूँ जिंदगी के हमारे,
गुजरते हैँ ...बीते हैँ पल तन्हा यूँ जिंदगी के हमारे,<br />गुजरते हैँ पतझड़ मेँ जैसे मौसम बेचारे<br /><br /><br /><br />वाह! बेहतरीन!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-22691323954434327272010-11-30T18:10:27.474+05:302010-11-30T18:10:27.474+05:30बेहतरीन रचना...वाह...
नीरजबेहतरीन रचना...वाह...<br /><br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-78792089106772260942010-11-29T20:06:58.073+05:302010-11-29T20:06:58.073+05:30यशवन्त जी एवं अनुपमा पाठक जी
आपका ब्लोग पर आने तथ...यशवन्त जी एवं अनुपमा पाठक जी <br />आपका ब्लोग पर आने तथा अपनी स्नैही टिप्पणीयोँ से उत्साहबर्धन का बहुत-बहुत शुक्रियाँ।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-40095704846446093422010-11-29T19:54:33.743+05:302010-11-29T19:54:33.743+05:30यशवन्त जी एवं अनुपमा पाठक जी
आपका ब्लोग पर आने तथ...यशवन्त जी एवं अनुपमा पाठक जी <br />आपका ब्लोग पर आने तथा अपनी स्नैही टिप्पणीयोँ से उत्साहबर्धन का बहुत-बहुत शुक्रियाँ।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-34526294601142843202010-11-29T19:45:53.697+05:302010-11-29T19:45:53.697+05:30वन्दना जी इस रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लि...वन्दना जी इस रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए तथा उत्साहबर्धन और आपके स्नैह के लिए तहेदिल से शुक्रिया।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-55165166826211511942010-11-29T16:06:40.946+05:302010-11-29T16:06:40.946+05:30बढ़िया!बढ़िया!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-66265249148310543272010-11-29T11:11:53.886+05:302010-11-29T11:11:53.886+05:30बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति.
सादरबेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-69143533467087605732010-11-28T17:10:50.737+05:302010-11-28T17:10:50.737+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (29/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा।<br />http://charchamanch.blogspot.comvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8977111763541270097.post-81986802704602102462010-11-28T16:48:00.297+05:302010-11-28T16:48:00.297+05:30@केवल राम जी
@प्रवीण पाण्डेय जी
@संगीता स्वरूप जी
...@केवल राम जी<br />@प्रवीण पाण्डेय जी<br />@संगीता स्वरूप जी<br />@उस्ताद जी<br /><br />आप सभी का ब्लोग पर आने तथा हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से शुक्रिया।DR.ASHOK KUMARhttps://www.blogger.com/profile/01638850958512148573noreply@blogger.com