रविवार, मार्च 27, 2011

उन्हीँने भुला दिया मुझे जिनपे दिल निसार था


उन्हीँने भुला दिया मुझे जिनपे दिल निसार था ,
लूटा ही गया है मुझको नाम देकर प्यार का ।

ऊपर से हँस दिया मैँ लेकिन दिल मेँ उदासी ही रही ,
क्या मेरी जिँदगी मेँ खुशियाँ जरा सी भी नहीँ ,
भटकता रहा हूँ मैँ कब से तलाशे मुहब्बत मेँ ,
प्यार भरी मेरी ये निगाहेँ प्यार की प्यासी ही रहीँ ।

रविवार, मार्च 13, 2011

दो पल ना रूके वो हमेँ मुदद्तोँ से इंतजार था


दो पल ना रूके वो हमेँ मुदद्तोँ से इंतजार था ,
लूटा ही गया है मुझको नाम देकर प्यार का ।

खुशी के पलोँ मेँ जिन्होँने डाली थी बाँहोँ मेँ बाँहेँ ,
मुझे लगा रोशन होगीँ अब मेरी जिंदगी की राहेँ ,
पर छुड़ा ली बाँहेँ जब मैँ डूबने लगा गम के दरियाँ मेँ ,
अब ऐसे वक्त पे उन्होनेँ क्यूँ फेर ली हैँ निगाहेँ ।

निकले इतने खुदगर्ज जिन्हेँ समझा वफादार था ,
लूटा ही गया है मुझको नाम देकर प्यार का ।

अपने मतलब पे कहाँ से इतने रिश्ते निकल आते हैँ ,
खातिर अपने मतलबोँ की रिश्ता बखूवी निभाते हैँ ,
मगर जब रिश्ता माँगता है कुर्बानी जरा सी भी ,
खून और दिल के रिश्ते भी लोग भूल जाते हैँ ।

रविवार, मार्च 06, 2011

नाटक ना करो जबान से प्यार के इजहार का


नाटक ना करो जबान से प्यार के इजहार का ,
लूटा ही गया है मुझको नाम देकर प्यार का ।

मेरे वो दोस्त जिन पर मैँ करता था नाज कभी ,
करके यकीँ जिनको बतलाये अपने मैँने राज सभी ।
हाय अफसोस ! उन्हीनेँ तोड़ा है मेरे यकीन को ,
पहले नहीँ मालूम था निकलेगेँ धोखेवाज वहीँ ।

कयूँ घोट दिया गला उन्होँने मेरे एकवार का ,
लूटा ही गया है मुझको नाम देकर प्यार का ।

क्यूँ निकले वो वादा फरामोश दिल है कशमाकश मेँ ,
जिनके लिए निभाता रहा मैँ वादे और कशमेँ ।
उन्होँने मुझे नहीँ किया है मेरे प्यार को रूसवा ,
तोड़ डालीँ जिनकी खातिर जमाने भर की रस्मेँ ।

मंगलवार, मार्च 01, 2011

इक दिल के उसने हजार टुकड़े किये


इक दिल के उसने हजार टुकड़े किये ,
हर टुकड़े को मैँने एक नया दिल बना रखा है ।

कसम दी उसने दिल का हाल किसी से ना कहेँ ,
हर जुबां को उसकी मैँने अहदे वफा बना रखा है ।

दिल से चाहा उसे वफा करता रहा मैँ ,
सामने सभी के मगर बेवफा बना रखा है ।