नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।
दिल-दिल से मिले तो कोई बात बने,
धडकन कोई मेरी बने तो कोई बात बने।
गिले-शिकवे सबके मिटें तो कोई बात बने,
दुश्मन भी गले मिले तो कोई बात बने।
जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
किसी को जिन्दगी मिले तो कोई बात बने।
हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
...
3 वर्ष पहले
35 टिप्पणियाँ:
भावनात्मक अभिव्यक्ति सुंदर
इस अन्जान वीरान दुनिया में, ऐ दोस्त,
किसी नाजुक पहचान बने तो बात बने।
beautiful Poem
भई वाह !!!!!! अशोक जी
बात अवश्य बनेगी
क्या आशिकाना अंदाज़ है ........ बहुत खूब .......
waah.......
सुन्दर भाव्।
sundar rachna!
aashnvit rahe hamara hriday, baat banegi!!!
केवल राम जी, प्रवीण जी, सुमन्त जी, उपेन्द्र जी, वन्दना जी, संजय जी, रश्मि जी, अनुपमा पाठक जी आप सभी का उत्साहबर्धन करने तथा स्नैह के लिए हार्दिक धन्यवाद।
सकारात्मक संदेश देते अश’आर.
जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
किसी को जिन्दगी मिले तो कोई बात बने।
बहुत खूब ... सब शेर मधुर प्रेम का संदेश देते हैं ...
नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।
...वाह!...क्या बात है!
शाहिद जी, दिगम्बर नासवा जी, अरूणा कपूर जी आपकी स्नैही और उत्साह बढ़ाती अमूल्य टिप्पणीयोँ के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया!
bahut sunder.... sadhe shabd hain...
अच्छे भाव |बधाई अच्छी रचना बन पड़ी है |
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत आभार
आशा
मोनिका शर्मा जी एवँ आशा जी आपका हौसला अफजाई तथा उत्साहबर्धन के लिए शुक्रिया।
नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।
बहुत सुंदर
4/10
औसत पोस्ट
पढ़ी जा सकती है.
ग़ज़ल में ताजगी और नयेपन का अभाव.
हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने
वाह....आप लिखते रहें ताज़गी और नया पन खुद-बखुद आ जायेगा...
नीरज
बहुत सुन्दर गजल
हमें पढवाने के लिये आभार
प्रणाम स्वीकार करें
अति सुन्दर रचना हैं आपकी ....
अति सुन्दर रचना हैं आपकी ....
अशोक जी , गज़ल खूबसूरत सन्देश दे रही है , मगर हर लाइन में आधी पंक्ति वही होने से एकरसता या समरसता पैदा हो रही है ,हम चाहेंगे कि आप और भी अच्छा और परफेक्ट लिखें ...इसे अन्यथा मत लेना , शुभकामनाएं
हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने
वाह बहुत सुन्दर गज़ल। बधाई।
जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
सुन्दर अभिव्यक्ति!!
गिले-शिकवे सबके मिटें तो कोई बात बने,
दुश्मन भी गले मिले तो कोई बात बने।
Nice sher .
Thanks .
good one...
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
Bahut umda soch, badhai bandhuvar
हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
बहुत खूब .. सुन्दर रचना
नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।
बहुत खूब ....!!
वाह,गज़ल की हर लाईन सुन्दर सन्देश देती,वाह ।
ehsaas acche hain, andaaz e bayan pr kaam kijiye.. Likhte rahiye
bahut sundar.......
बहुत सुन्थर गजल, बढ़िया प्रस्तुति। बधाई
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