शनिवार, अक्तूबर 23, 2010

नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,

नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।

दिल-दिल से मिले तो कोई बात बने,
धडकन कोई मेरी बने तो कोई बात बने।


गिले-शिकवे सबके मिटें तो कोई बात बने,
दुश्मन भी गले मिले तो कोई बात बने।

जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
किसी को जिन्दगी मिले तो कोई बात बने।


हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।

35 टिप्पणियाँ:

केवल राम ने कहा…

भावनात्मक अभिव्यक्ति सुंदर

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

इस अन्जान वीरान दुनिया में, ऐ दोस्त,
किसी नाजुक पहचान बने तो बात बने।

sumant ने कहा…

beautiful Poem

उपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा…

भई वाह !!!!!! अशोक जी
बात अवश्य बनेगी

संजय भास्‍कर ने कहा…

क्या आशिकाना अंदाज़ है ........ बहुत खूब .......

रश्मि प्रभा... ने कहा…

waah.......

vandana gupta ने कहा…

सुन्दर भाव्।

अनुपमा पाठक ने कहा…

sundar rachna!
aashnvit rahe hamara hriday, baat banegi!!!

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

केवल राम जी, प्रवीण जी, सुमन्त जी, उपेन्द्र जी, वन्दना जी, संजय जी, रश्मि जी, अनुपमा पाठक जी आप सभी का उत्साहबर्धन करने तथा स्नैह के लिए हार्दिक धन्यवाद।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

सकारात्मक संदेश देते अश’आर.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
किसी को जिन्दगी मिले तो कोई बात बने।

बहुत खूब ... सब शेर मधुर प्रेम का संदेश देते हैं ...

Aruna Kapoor ने कहा…

नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।

...वाह!...क्या बात है!

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

शाहिद जी, दिगम्बर नासवा जी, अरूणा कपूर जी आपकी स्नैही और उत्साह बढ़ाती अमूल्य टिप्पणीयोँ के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

bahut sunder.... sadhe shabd hain...

Asha Lata Saxena ने कहा…

अच्छे भाव |बधाई अच्छी रचना बन पड़ी है |
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत आभार
आशा

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

मोनिका शर्मा जी एवँ आशा जी आपका हौसला अफजाई तथा उत्साहबर्धन के लिए शुक्रिया।

बेनामी ने कहा…

नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।
बहुत सुंदर

उस्ताद जी ने कहा…

4/10

औसत पोस्ट
पढ़ी जा सकती है.
ग़ज़ल में ताजगी और नयेपन का अभाव.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने

वाह....आप लिखते रहें ताज़गी और नया पन खुद-बखुद आ जायेगा...

नीरज

अन्तर सोहिल ने कहा…

बहुत सुन्दर गजल
हमें पढवाने के लिये आभार

प्रणाम स्वीकार करें

मंजुला ने कहा…

अति सुन्दर रचना हैं आपकी ....

मंजुला ने कहा…

अति सुन्दर रचना हैं आपकी ....

शारदा अरोरा ने कहा…

अशोक जी , गज़ल खूबसूरत सन्देश दे रही है , मगर हर लाइन में आधी पंक्ति वही होने से एकरसता या समरसता पैदा हो रही है ,हम चाहेंगे कि आप और भी अच्छा और परफेक्ट लिखें ...इसे अन्यथा मत लेना , शुभकामनाएं

निर्मला कपिला ने कहा…

हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने
वाह बहुत सुन्दर गज़ल। बधाई।

रविंद्र "रवी" ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
रविंद्र "रवी" ने कहा…

जहर भी दवा बने तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
सुन्दर अभिव्यक्ति!!

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

गिले-शिकवे सबके मिटें तो कोई बात बने,
दुश्मन भी गले मिले तो कोई बात बने।

Nice sher .
Thanks .

Anand Rathore ने कहा…

good one...

TP ने कहा…

दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।

Bahut umda soch, badhai bandhuvar

M VERMA ने कहा…

हाथ दुआ में उठे तो कोई बात बने,
दूरियाँ दिलों से मिटे तो कोई बात बने।
बहुत खूब .. सुन्दर रचना

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

नजर-नजर से मिले तो कोई बात बने,
वो हमसफर मेरा बने तो कोई बात बने।

बहुत खूब ....!!

Vinashaay sharma ने कहा…

वाह,गज़ल की हर लाईन सुन्दर सन्देश देती,वाह ।

दिपाली "आब" ने कहा…

ehsaas acche hain, andaaz e bayan pr kaam kijiye.. Likhte rahiye

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

bahut sundar.......

Ramesh singh ने कहा…

बहुत सुन्थर गजल, बढ़िया प्रस्तुति। बधाई