महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
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3 वर्ष पहले
17 टिप्पणियाँ:
बड़े जालिम हैं।
हाथोँ के देके वो इशारे ,
फिर मिलने को कह गये ।
bahut hi sunder geet
भाई जी बड़े जालिम होते हैं यह हुसन वाले ..हमें तो लूट के चले गए
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
इक झलक दिखाके चले गये ,
वो हमको तड़पाके चले गये ।
ये कैसा किया सितम उन्होँने ,
हमको तरसाके चले गये ।
ye kaisa jaalim mahboob hai.
नैनोँ से चलाके तीर अपने ,
वो हमको घायल कर गये ।
पलटके देखा जब उन्होँने ,
वो रहा सहा भी मार गये ।
बहुत कठोर दिल होते हैं ये महबूब..प्यार में ऐसा ही होता है
बेदर्दी।
जाते-जाते मिलने की आस तो बंधा गए भाई....
बहुत खूब
लो अब फिर वो आपसे ,
इक प्यारा सा वादा कर गये |
हाथों का देके इक इशारा ,
फिर मिलने को वो कह गये |
सुन्दर रचना |
देखो इंतजार करना
हम फिर पड़ने आयेंगे
वो फिर से क्या कह गये ?
ये कैसा किया सितम उन्होँने ,
हमको तरसाके चले गये ।
लबोँ पे दिखाके वो मुस्कान ,
हम पे बिजली सी गिरा गये ।
बहुत खूब्\ अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।
अशोक भाई वेलिंटाइन डे का असर बरकरार दिख रहा है| अच्छी रचना| बधाई|
लबोँ पे दिखाके वो मुस्कान ,
हम पे बिजली सी गिरा गये ।
ye to hasenon ki ada hai Ashol ji ..
acha laga ye sher ...
>>> प्रवीण पाण्डेय जी
>>> ओम कश्यप जी
>>> केवल राम जी
>>> वन्दना जी
आप सभी का ब्लोग पर आकर उत्साहबर्धन करने एवं सहयोग के लिए तहेदिल से शुक्रियाँ ।
>>> कुवँर कुशमेश जी
>>> कैलाश सी शर्मा जी
>>> मनोज कुमार जी
>>> वीना जी
आप सभी के सहयोग एवं स्नैह का मैँ बहुत बहुत आभारी हूँ ।
>>> मीनाँक्षी पंत जी
>>> निर्मला कपिला जी
>>> नवीन सी चर्तुवेदी जी
>>> दिगम्बर नासवा जी
आप सभी का ब्लोग पर आकर हौसलाअफ़जाई करने एवं सहयोग के लिए धन्यवाद ।
अँखियोँ का किया इशारा ऐसा ।
हम सारी दुनियाँ भूल गये ।
bahut khoob
पसंद आया यह अंदाज़ ए बयान आपका.
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