रविवार, फ़रवरी 13, 2011

इक झलक दिखाके चले गये


इक झलक दिखाके चले गये ,
वो हमको तड़पाके चले गये ।

ये कैसा किया सितम उन्होँने ,
हमको तरसाके चले गये ।

लबोँ पे दिखाके वो मुस्कान ,
हम पे बिजली सी गिरा गये ।

झटके अपने यूँ उन्होँने बाल ,
चहरे पे काली घटा से छा गये ।

अँखियोँ का किया इशारा ऐसा ।
हम सारी दुनियाँ भूल गये ।

नैनोँ से चलाके तीर अपने ,
वो हमको घायल कर गये ।

पलटके देखा जब उन्होँने ,
वो रहा सहा भी मार गये ।

हाथोँ के देके वो इशारे ,
फिर मिलने को कह गये ।

17 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़े जालिम हैं।

OM KASHYAP ने कहा…

हाथोँ के देके वो इशारे ,
फिर मिलने को कह गये ।

bahut hi sunder geet

केवल राम ने कहा…

भाई जी बड़े जालिम होते हैं यह हुसन वाले ..हमें तो लूट के चले गए

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com

Kunwar Kusumesh ने कहा…

इक झलक दिखाके चले गये ,
वो हमको तड़पाके चले गये ।

ये कैसा किया सितम उन्होँने ,
हमको तरसाके चले गये ।

ye kaisa jaalim mahboob hai.

Kailash Sharma ने कहा…

नैनोँ से चलाके तीर अपने ,
वो हमको घायल कर गये ।

पलटके देखा जब उन्होँने ,
वो रहा सहा भी मार गये ।

बहुत कठोर दिल होते हैं ये महबूब..प्यार में ऐसा ही होता है

मनोज कुमार ने कहा…

बेदर्दी।

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

जाते-जाते मिलने की आस तो बंधा गए भाई....
बहुत खूब

Minakshi Pant ने कहा…

लो अब फिर वो आपसे ,
इक प्यारा सा वादा कर गये |
हाथों का देके इक इशारा ,
फिर मिलने को वो कह गये |
सुन्दर रचना |

देखो इंतजार करना
हम फिर पड़ने आयेंगे
वो फिर से क्या कह गये ?

निर्मला कपिला ने कहा…

ये कैसा किया सितम उन्होँने ,
हमको तरसाके चले गये ।

लबोँ पे दिखाके वो मुस्कान ,
हम पे बिजली सी गिरा गये ।
बहुत खूब्\ अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

अशोक भाई वेलिंटाइन डे का असर बरकरार दिख रहा है| अच्छी रचना| बधाई|

दिगम्बर नासवा ने कहा…

लबोँ पे दिखाके वो मुस्कान ,
हम पे बिजली सी गिरा गये ।

ye to hasenon ki ada hai Ashol ji ..
acha laga ye sher ...

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

>>> प्रवीण पाण्डेय जी
>>> ओम कश्यप जी
>>> केवल राम जी
>>> वन्दना जी

आप सभी का ब्लोग पर आकर उत्साहबर्धन करने एवं सहयोग के लिए तहेदिल से शुक्रियाँ ।

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

>>> कुवँर कुशमेश जी
>>> कैलाश सी शर्मा जी
>>> मनोज कुमार जी
>>> वीना जी

आप सभी के सहयोग एवं स्नैह का मैँ बहुत बहुत आभारी हूँ ।

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

>>> मीनाँक्षी पंत जी
>>> निर्मला कपिला जी
>>> नवीन सी चर्तुवेदी जी
>>> दिगम्बर नासवा जी

आप सभी का ब्लोग पर आकर हौसलाअफ़जाई करने एवं सहयोग के लिए धन्यवाद ।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

अँखियोँ का किया इशारा ऐसा ।
हम सारी दुनियाँ भूल गये ।
bahut khoob

संजय भास्‍कर ने कहा…

पसंद आया यह अंदाज़ ए बयान आपका.