महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
...
3 वर्ष पहले
32 टिप्पणियाँ:
।बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
bahut hi badhiyaa
सितारा कहूँ क्यूँ ? चाँद है तू मेरा ,
तू जमीँ नहीँ आसमां है मेरा ।
मेरी जिन्दगी है तू ,हर सांस है तेरा ..
.बहुत लाजबाब भाई ...भावपूर्ण और अर्थपूर्ण
आईना आँखोँ का साफ है तेरा ,
दिखता है इसमेँ चहरा सिर्फ मेरा ...
Vaah ... kya baat hai ... prem ki inteha hai ...
भावमयी रचना ..बहुत खूब
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..बहुत सुन्दर
bahut sunder gazal
सितारा कहूँ क्यूँ ? चाँद है तू मेरा ,
तू जमीँ नहीँ आसमां है मेरा ।
वाह अशोक जी, उक्त शेर अच्छा लगा .ग़ज़ल के भाव देखने लायक हैं.
सुन्दर रचना |
>>> वन्दना जी
>>> रश्मि प्रभा जी
>>> केवल राम जी
>>> दिगम्बर नासवा जी
आप सभी का ब्लोग पर आकर उत्साहबर्धन करने तथा सहयोग के लिए तहेदिल से शुक्रियाँ ।
>>> संगीता स्वरूप जी
>>> कैलाश सी शर्मा जी
>>> ओम कश्यप जी
>>> कुवँर कुशमेश जी
आप सभी के सहयोग एवं स्नैह के लिए आभार ।
bahu pyari prastuti..:)
बेहतरीन प्रस्तुति।
>>> मीनाँक्षी पंत जी
>>> मुकेश कुमार सिँहा जी
>>> प्रवीण पाण्डेय जी
आप सभी का ब्लोग पर आकर उत्साहबर्धन तथा सहयोग के लिए धन्यवाद ।
अच्छे विचारों से
सजी - संवरी
खूबसूरत रचना .....
"अंजान" कैद पिँजरे मेँ परिन्दे की तरह ,
सोया है मुकद्दर हर वक्त मेरा ...
awesome !
.
सितारा कहूँ क्यूँ ? चाँद है तू मेरा ,
तू जमीँ नहीँ आसमां है मेरा ।
बहुत अच्छा शेर....
सुंदर प्रस्तुति
कवि की भाषिक संवेदना पाठक को आत्मीय दुनिया की सैर कराने में सक्षम है।
ashok bhai subh subajtbiyt khush ho gyi aapki gzl pdh kr mubaark ho. akhtar khan akela kota rajstan
>>> दानिश जी
>>> दिव्या जी
>>> वीना जी
>>> मनोज जी
आप सभी का ब्लोग पर आकर प्रोत्साहन एवं स्नैह से अनुग्रहित करने लिए हार्दिक धन्यवाद ।
विचारों की सुंदर अभिव्यक्ति.
हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com, http://rksirfiraa.blogspot.com, http://mubarakbad.blogspot.com, http://aapkomubarakho.blogspot.com, http://aap-ki-shayari.blogspot.com, http://sachchadost.blogspot.com) ब्लोगों का भी अवलोकन करें. हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें. हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461 email: sirfiraa@gmail.com
बहुत सुंदर ....भावपूर्ण रचना
वाह...इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकारें...
नीरज
सितारा कहूँ क्यूँ ? चाँद है तू मेरा ,
तू जमीँ नहीँ आसमां है मेरा ।
बहुत खूबसूरत प्रेमाभिव्यक्ति। शुभकामनायें।
खूबसूरत भावाभिव्यक्ति।
ashok ji aapki is gzal ko baar baar pdhne ko ji krta he . akhtar khan akela kota rajsthan
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! बधाई एवं शुभकामनायें !
कल 02/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
आईना आँखोँ का साफ है तेरा ,
दिखता है इसमेँ चहरा सिर्फ मेरा ।
भावुक करती पंक्तियाँ...
सुंदर प्रस्तुति.....
वाह|||
बहुत ही सुन्दर रचना है.
umda prastuti
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