महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
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3 वर्ष पहले
22 टिप्पणियाँ:
bahut hi achhi rachna
बहुत सुन्दर रचना| आभाए|
बड़ी बेचारगी है ....अब क्या करेंगे ?
खूबसूरत अभिव्यक्ति
यही है प्यार की बेचारगी।
waah, bahut hi badhiyaa
बहुत सुन्दर रचना
बेचारगी बड़ी कमवख्त है ................क्या से क्या नहीं करवाती ............बहुत प्रभावी ..शुभकामनायें
क्या बात है मजा आ गया पढ़कर....इस बेचारगी के क्या कहने
jnaab sr jhukaane or sr kaatne ka yeh ajb mnzr bhut khub behtrin chintn or rchna sheli he mubark ho . akhtar khan akela kota rajsthan
bahot khoob!
लोग खुशियाँ मनाना भूल गये
आज हसना हसाना भूल गये
भूल गये रिश्ते नाते सारे
अपना फर्ज़ निभाना भूल गये
धर्मों के ठेकेदार बने जो भी
अपना धर्म निभाना भूल गये
आपकी रचना पर मेरे दो शब्द। बहुत अच्छी लगी आपकी रचना। बधाई
खूबसूरत अभिव्यक्ति........
..बहुत प्रभावी.... बहुत पसन्द आया
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
>>> सुमन सिन्हा जी रचना को पढ़कर सराहने के लिए धन्यवाद ।
>>> Patali-the-village जी ब्लोग पर आने और कविता को सराहने के लिए शुक्रियाँ।
>>> संगीता स्वरूप जी ब्लोग पर आने और उत्साहबर्धन के लिए तहेदिल से शुक्रियाँ ।
>>> प्रवीण पाण्डेय जी
>>> रश्मि प्रभा जी
>>> कुवँर कुशमेश जी
>>> केवल राम जी
आप सभी का ब्लोग पर आने और हौसलाअफजाई तथा रचना को सराहने के लिए बहुत बहुत आभार ।
वाह अशोक भाई कमाल की कविता है ये| बहुत बहुत बधाई|
excellent
बहुत सुन्दर रचना
एक लाजवाब रचना!
>>>वीना जी
>>>अख्तर खान जी
>>>निर्मला कपिला जी
>>>अंजाना गुड़िया जी
आप सभी का ब्लोग पर आने और हौसलाअफजाई तथा आपके स्नैह के लिए दिल से आभार ।
सोचा था करेँगे बातेँ दो , चार
आये जो सामने हंसी सनम्
लबोँ को हिलाना भूल गये।
sanam ke liye itne kasside:)
kya baat hai doctor sahab:)
>>>मंजुला जी
>>>संजय भास्कर जी
>>>नवीन जी
>>>गिरीश मुकुल जी
आप सभी का ब्लोग पर आने तथा उत्साहबर्धन और आपके स्नैह का दिल से आभार ।
रविन्द्र रवि जी
मुकेश कुमार सिन्हा जी
आपका सभी का हौसलाअफजाई और आपके स्नैह के लिए दिल से शुक्रिया ।
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