महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
...
3 वर्ष पहले
37 टिप्पणियाँ:
प्रेम की गहन अभिव्यक्ति।
बेहद खूबसूरत्।
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ......
वाह ...बहुत ही खूबसूरत शब्द हैं इस रचना में बधाई इस अभिव्यक्ति के लिये ..नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ...।
सुंदर अभिव्यक्ति .
नया वर्ष मंगलमय हो ...
दीदार किया जब से तेरा भाया ना कोई ,
पाने की आरजू मेँ कोई मिट ना जाये कहीँ
बहुत प्रभावी पंक्तियाँ प्रेम के एहसासों से भरपूर हर एक पंक्ति बहुत सुंदर गजल ..शुक्रिया
आदरणीय डॉ. अशोक कुमार जी
आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनायें ...कबूल करें
और हार्दिक प्रसन्नता के साथ आपको जन्मदिन* की अग्रिम हार्दिक शुभकामनायें ..स्वीकार करें
दीदार किया जब से तेरा भाया ना कोई ,
पाने की आरजू मेँ कोई मिट ना जाये कहीँ
उफ़, दीदारे यार भी बड़ा जान लेवा होता है भाई
खूबसूरती से लिखे जज़्बात ...
नव वर्ष की शुभकामनाएँ
खूबसूरत अभिओव्यक्ति। अपको भी सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
happy new year to you
Asha
अशोक कुमार जी
खुशियों भरा हो साल नया आपके लिए
बहुत सुन्दर लिखा है
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं.
>>> प्रवीण पाण्डेय जी गजल के लिए प्रोत्साहन के लिए शुक्रियाँ।
>>> वन्दना जी हौसला अफजाई के लिए आभार !
>>> सदा जी उत्साहबर्धन के लिए शुक्रियाँ ।
>>> निवेदिता जी आप पहली बार ब्लोग पर आई आप का स्वागत है ।
>>> केवल राम जी
>>> कुवँर कुशमेश जी
>>> संगीता स्वरूप जी
>>> निर्मला कपिला जी
आप सभी का ब्लोग पर आने और आपके प्रोत्साहन के लिए तहेदिल से शुक्रियाँ ।
Il semble que vous soyez un expert dans ce domaine, vos remarques sont tres interessantes, merci.
- Daniel
बहते झरनोँ मेँ हाथ धोता है हर कोई ,
स्वच्छता झरनोँ की फिर भी मिटती नहीँ।
वाह एक दम नयी सोच...इस रचना के लिए बधाई स्वीकार करें.
नीरज
>>> आशा जी
>>> संजय भास्कर जी
>>> शाहिद मिर्जा "शाहिद" जी
>>> नीरज जी
आप सभी का ब्लोग पर आने तथा गजल को सराहने और उत्साह बढ़ाने के लिए आपके स्नैह का शुक्रियाँ ।
'अंजान' खुदा से भी पहले हमेँ याद आयेगा कोई ,
तुम्हेँ तो देखा है खुदा को तो देखा ही नहीँ...
bahut hi badhiyaa
भावमयी अभिव्यक्ति!
सुन्दर!
सुन्दर!
नव वर्ष की शुभकामनाएँ
खूबसूरत नगमा
bhaayi ashok ji is snsar ko aese hi khushnumaa ngmon or gzlon se sjaaye rkhna bhut khub likh rhe ho thodi si jln bhi hoti he lekin kya kren bhayi hmare bhayi likh rhe hen isliyen gr se sina bhi ful jata he isliyen mubarkbaad svikar kro bhayi . akhtar khan akela kota rajsthan
बहुत खूबसूरत लिखा है !
नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं
अच्छी भावाभिव्यक्ति. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
सुंदर अभिव्यक्ति
Nice post.
ग़ज़ल
दिल लुटने का सबब
हम को किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही
किसने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही
दिल के लुटने का सबब पूछो न सबके सामने
नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही
नफ़रतों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में
हमने किस किस को पुकारा ये कहानी फिर सही
क्या बनाएं प्यार की बाज़ी वफ़ा की राह में
कौन जीता कौन हारा ये कहानी फिर सही
-Masroor Anwar
'हिंदुस्तान , पृष्ठ 9 , 7-1-2011'
प्रेम की गहन अभिव्यक्ति।
बहते झरनोँ मेँ हाथ धोता है हर कोई ,
स्वच्छता झरनोँ की फिर भी मिटती नहीँ।
bahut gahri baat, kabhi koi pavitrata gandagi se khatm nahi hoti..:)
bahut bahut badhai...
दीदार किया जब से तेरा भाया ना कोई ,
पाने की आरजू मेँ कोई मिट ना जाये कही ...
Khud ko mita kar hi use paaya ja sakta hai ... yahi to jeeevan hai .. lajawab sher hai ...
दीदार किया जब से तेरा भाया ना कोई ,
पाने की आरजू मेँ कोई मिट ना जाये कही
बेहद सुंदर रचना...मतला भी बहुत खूबसूरत है...
दीदार किया जब से तेरा भाया ना कोई ,
पाने की आरजू मेँ कोई मिट ना जाये कहीँ
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बहुत sundar prastuti ...........
ख़ुद को मिटा कर आबाद किया गुलशन को बहारों ne,
जब खिलने का वक़्त आया तो दे गए खिज़ा नजारों को.
>>>रश्मि प्रभा जी
>>>अनुपमा पाठक जी
>>>अंजना गुड़िया जी
>>>नवीन जी
आप सभी का ब्लोग पर आने के लिए एवं आपके स्नैह तथा प्रोत्साहन के लिए दिल से शुक्रिया ।
>>>अख्तर खान अकेला जी
>>>मीनांक्षी पंत जी
>>>भूषण जी
>>>जील जी
आप सभी का ब्लोग पर आने तथा उत्साह बर्धन के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।
बेहद खूबसूरत् अभिव्यक्ति.....
>>>मसरूर अनवर जी
>>>कुमार पलाश जी
>>>मुकेश कुमार सिन्हा जी
>>>दिगम्बर नासवा जी
आप सभी का ब्लोग पर आने एवं उत्साह बढ़ाने तथा आपके स्नैह के लिए आभारी हूँ ।
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति.
'अंजान' खुदा से भी पहले हमेँ याद आयेगा कोई ,
तुम्हेँ तो देखा है खुदा को तो देखा ही नहीँ।
बहुत खूब......
खूबसूरत ग़ज़ल है.....
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