बादल पे करके भरोसा,
बरसात की जो आस बंधी।
आया हवा का जो एक झोका,
बदली ना जाने कहाँ उड़ चली।।
महिलाओं और पुरुषों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) को ऐसे करें दूर।
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आज के बदलते लाइफस्टाइल के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बहुत देखने को मिल रही
है। पुरुष हो या महिला इंफर्टिलिटी के कारण पेरेंट्स बनने का सपना अधूरा रह
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2 वर्ष पहले
8 टिप्पणियाँ:
wow too good
aaj kal ke mausam ke aunsar kaafi sahi likha hai aapne.......Richa
आपकी अमूल्य टिप्पणियोँ के लिए धन्यवाद।
हा हा हा
ऐसा ही होता है, तभी बादलों को आवारा भी कहा जाता है. :-)
इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
सुन्दर पंक्तियाँ ... स्वागत है !
सुन्दर अभिव्यक्ति। आभार!
बादल होते ही ऐसे हैँ। बहुत खूबसूरत पँक्तियाँ। शुभकामनायेँ।
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